ऐसा कहा गया है कि , पूर्ण योगी , मृत्यु के समय अपना शरीर छोड़कर , मन की गति से , भौतिक ब्रह्माण्ड की सीमाओं के पार , अतिदूर के प्रतिपदार्थमय ग्रहों तक यात्रा कर सकता है । सूक्ष्म आध्यात्मिक शक्ति का उपयोग कर आप दूसरे लोकों तक यात्रा करके भगवान् की शक्ति का चमत्कार देख सकते हैं । अथवा यदि आप चाहे , तो आप भौतिक सृष्टि के परे , कृष्ण के साथ , अपने नित्य घर की यात्रा भी कर सकते हैं ।
Name | अन्य ग्रहों की सुगम यात्रा |
Publisher | Bhaktivedanta Book Trust |
Publication Year | 1977 |
Binding | Paperback |
Pages | 96 |
ISBN | 13: 978-0912776101 |